भारतीय मिठाइयों में खीर का एक विशेष स्थान है। चाहे जन्म का जश्न हो, व्रत-त्योहार पूजा, जन्मदिन या किसी भी खास मौके पर बनाया जाता है या खीर को एक शुभ और पवित्र मिठाई माना जाता है।। अलग-अलग क्षेत्रों में इसे अलग नामों से जाना जाता है, जैसे कि बंगाल में पायेश, दक्षिण भारत में पायसम, आदि। यह एक ऐसी डिश है जो उत्तर से लेकर दक्षिण तक, और पूरब से लेकर पश्चिम तक, हर राज्य में किसी न किसी रूप में जरूर बनती है। इसे कहीं केर, कहीं पायसम, कहीं पायस, और कहीं खीर कहा जाता है। खीर एक ऐसी मिठाई है जिसमें गहराई भी है और सरलता भी।
खीर, जिसे भारत के अलग-अलग हिस्सों में पायसम, पायस या खीरी के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप की एक सबसे पुरानी और प्रिय मिठाई है। इसका इतिहास हजारों साल पुराना है। यह न केवल एक स्वादिष्ट पकवान है, बल्कि धार्मिक और सामाजिक आयोजनों का भी एक अभिन्न अंग है। मंदिरों में इसे प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है और हर शुभ अवसर पर इसे बनाया जाता है।

खीर रेसिपी मां दुर्गा स्पेशल भोग नवरात्रि 2025
चावल, दूध और चीनी से बनी यह सरल मिठाई अपनी सादगी और स्वाद के कारण ही हर भारतीय रसोई में एक विशेष स्थान रखती है। पारंपरिक विधि से खीर बनाने में थोड़ा समय लगता है, लेकिन इसका धीमा पकाने का तरीका ही इसके स्वाद को अद्वितीय बनाता है |
इसकी बुनियादी सामग्री सिर्फ तीन होती है – दूध, चावल और चीनी। लेकिन इसे बनाने की विधि समय, धैर्य और प्यार इसे खास बनाते हैं। Kheer एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है जो चावल, दूध और चीनी से बनाई जाती है। आप जानना चाहते हैं कि खीर कैसे बनाई जाती है, तो चलिए मैं आपको बहुत ही विस्तार से बताता हूँ। इसमें हम सामग्री, करेंगे।
खीर बनाने की सामग्री
(यह मात्रा 4 लोगों के लिए है, आप चाहें तो दोगुना कर सकते हैं)
समय
समय तैयारी 15 मिनट
पकाना 45-60 मिनट
कुल समय लगभग 1 घंटा 15 मिनट
सामग्री
1.) दूध (Milk):- 1.5 लीटर (फुल क्रीम दूध, खीर को गाढ़ा बनाने के लिए सबसे अच्छा होता है)
2.) चावल (Rice):- 1/2 कप (लगभग 100 ग्राम, बासमती या कोई भी छोटे दाने वाला खीर वाला चावल बासमती या सामान्य))
3.) चीनी (Sugar):1/4 कप (50 ग्राम)/2 कप (100 ग्राम) (स्वादानुसार, अपनी पसंद के अनुसार मात्रा बदल सकते हैं)
4.) इलायची पाउडर (Cardamom Powder): 1/2 छोटा चम्मच (यह स्वाद और सुगंध के लिए बहुत ज़रूरी है)
5.) बादामकाजू (Cashews): 10-12 (बारीक कटे हुए)
6.) बादाम (Almonds): 10-12 (बारीक कटे हुए)
7.) पिस्ता 8-10
8.) किशमिश (Raisins): 15-20
9.) केसर (Saffron): 8-10 धागे (खीर को सुंदर रंग और सुगंध देता है)
10).सूखे मेवे (Dry Fruits):सूखे मेवे – स्वाद और पोषण के लिए (काजू, बादाम, पिस्ता, किशमिश)
11.) घी(Ghee): 1 छोटा चम्मच (सूखे मेवे भूनने के लिए)
[ ] खीर बनाते समय ध्यान देने योग्य बातें
1. भारी तले वाले बर्तन का प्रयोग करें – इससे दूध तले में चिपकेगा नहीं।
2. दूध को लगातार चलाते रहें – ताकि वह उफान पर आकर गिरे नहीं और नीचे जले नहीं।
3. चावल को अधिक देर तक न भिगोएं – वरना वह जल्दी टूट जाएगा।
4. चीनी हमेशा अंत में डालें – इससे दूध फटने से बचता है।
5. दूध को धीमी आंच पर पकाएं – इससे खीर का स्वाद और गाढ़ापन दोनों बढ़ता है।
Q चॉकलेट खीर – बच्चों को पसंद आने वाली खीर जिसमें डार्क चॉकलेट मिलाई जाती है।
खीर बनाने की विधि (Step-by-step Process)
• दूध (Milk)
• खीर में इस्तेमाल होने वाला दूध जितना गाढ़ा और ताजा होगा, उतनी ही स्वादिष्ट खीर बनेगी।
• पारंपरिक रूप से फुल क्रीम गाय का दूध प्रयोग होता है।
• चाहें तो भैंस का दूध या पैक्ड टोंड दूध भी इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन स्वाद में हल्का अंतर आएगा।
• चावल (Rice)
• खीर के लिए छोटे दाने वाला बासमती चावल या “छोटा किन्नू या सामान्य जैसा चावल है।
• इसे बनाने से पहले धोकर आधे घंटे के लिए भिगोना जरूरी है।
• चीनी (Sugar)
• सफेद चीनी सबसे आम है, लेकिन कई घरों में गुड़, ब्राउन शुगर या खजूर की मिठास से भी खीर बनाई जाती है।
चरण 1: चावल की तैयारी
सबसे पहले चावल को अच्छी तरह से धो लें।ताकी चावल को दो-तीन बार साफ पानी से धो लें ताकि सारा अतिरिक्त स्टार्च निकल जाए धोने के बाद, चावल को लगभग 30 मिनट के लिए साफ पानी में भिगो दें। यह स्टेप बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे चावल नरम हो जाते हैं और जल्दी पकते हैं। आधे घंटे बाद, चावल से पानी निकाल दें और उन्हें हल्का सा हाथ से मसल लें। चावल को पूरी तरह से नहीं तोड़ना है, बस हल्का सा दरदरा करना है। कुछ लोग चावल को घी में हल्का भून लेते हैं, जिससे खीर का स्वाद और बढ़ जाता है किनारे रख दें।
भिगोने से चावल नरम होता है और पकने में कम समय लगता है।
चरण 2: दूध उबालना
• एक भारी तले वाला पतीला या कड़ाही लें और उसमें दूध डालकर मध्यम तेज आंच पर गर्म करें और जब उबाल आ जाए, तो आंच धीमी कर दें। एक उबाल आने दें। दूध में पहला उबाल आने के बाद, आंच को बिल्कुल धीमा कर दें। धीमी आंच पर दूध को पकाना ही पारंपरिक खीर का रहस्य है।
और बीच-बीच में लगातार चलाते रहें ताकि क्रीम किनारों पर न जमे। और नीचे से दूध ना जले।
चरण 3: चावल मिलाना
• जब दूध उबलने लगे और आंच धीमी हो जाए, तो इसमें अब दूध में भीगे हुए चावल डालें और
चावल डालने के बाद, खीर को लगातार चलाएं ताकि चावल बर्तन के तले में न चिपके।
इसे धीमी आंच पर 30-40 मिनट तक पकने दें, जब तक चावल पूरी तरह से नरम ना हो जाएं और दूध थोड़ा गाढ़ा ना हो जाए।
चरण 4: धीमी आंच पर पकाना (Slow Cooking):
खीर को धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक कि चावल पूरी तरह से पक न जाएं और दूध गाढ़ा होकर आधा न रह जाए। इस प्रक्रिया में लगभग 45 से 60 मिनट लग सकते हैं। यही वह समय है जब दूध का स्वाद गाढ़ा होकर चावलों में समा जाता है। बीच-बीच में हर 2-3 मिनट में इसे चलाते रहें। किनारे पर जमी हुई मलाई को भी चम्मच से खुरच कर वापस खीर में मिलाते रहें। यही मलाई खीर को क्रीमी और स्वादिष्ट बनाती है।
चरण 5 : सूखे मेवे तैयार करना
• एक अलग छोटी कड़ाही में 1 चम्मच घी गर्म करें। इसमें कटे हुए काजू और बादाम डालकर हल्का सुनहरा होने तक भूनें। फिर इसमें किशमिश डालकर फुला लें। इन भुने हुए मेवों को खीर में डालें। इन्हें निकालकर खीर में मिलाएं।
चरण 6: चीनी और इलायची डालना
• जब खीर गाढ़ी हो जाए और चावल पूरी तरह पक जाएं, तब चीनी डालें और अच्छे से मिलाएं।खीर को 5-7 मिनट तक और पकाएं ताकि शक्कर पूरी तरह से घुल जाए और खीर में मिल जाए।
• चीनी घुलते ही इलायची पाउडर डालें। अगर केसर डाल रहे हैं तो उसे 1 बड़ा चम्मच गर्म दूध में भिगोकर खीर में मिलाएं।
चरण 7: खीर को गाढ़ा करना
• खीर को धीमी आंच पर 10-15 मिनट और पकाएं, जब तक वो मलाईदार और गाढ़ी न हो जाए।
• अंत में ऊपर से कुछ सूखे मेवे सजाने के लिए बचा लें।
कुल समय:
• तैयारी का समय: 15 मिनट
• पकाने का समय: 45-60 मिनट
• कुल: लगभग 1 घंटा
चरण 8 : आंच बंद करना और परोसना (Turning Off the Heat and Serving):
जब खीर सही गाढ़ापन पकड़ ले तो गैस बंद कर दें। खीर ठंडी होने के बाद और भी गाढ़ी हो जाती है, इसलिए इसे थोड़ा तरल अवस्था में ही उतारें। खीर को गरम या ठंडा करके परोसें। धार्मिक अनुष्ठानों में, खीर को ठंडा करके भोग लगाया जाता है।
पारंपरिक खीर के लिए महत्वपूर्ण टिप्स परोसने से पहले ऊपर से कुछ कटे हुए ड्राई फ्रूट्स डालें देखने में अच्छा लगेगा और आकर्षित |
खीर को कैसे परोसें?
• गर्मागर्म: सर्दियों में खीर को गरमा-गरम परोसना पसंद किया जाता है। इससे उसका स्वाद दोगुना हो जाता है।
• ठंडी: गर्मियों में खीर को ठंडा करके परोसना ज्यादा पसंद किया जाता है। फ्रिज में 2-3 घंटे रखने के बाद यह और भी गाढ़ी और स्वादिष्ट हो जाती है।
चरण 10 : परोसने का तरीका (Serving Tips)
• खीर को गर्म या ठंडा दोनों तरह से परोसा जा सकता है।
• आप इसे रोटी, पूरी, या ऐसे ही मिठाई के रूप में खा सकते हैं।
• ठंडी खीर को फ्रिज में 2-3 घंटे रखकर सर्व करें तो स्वाद और भी बढ़ जाता है।

क्यों खीर सबको पसंद आती है?
बनाना आसान है
स्वाद में शानदार है
दिखने में मलाईदार और सुंदर है
और सबसे जरूरी – इसमें होता है घर का प्यार
[ ] खीर के स्वास्थ्य लाभ
खीर सिर्फ स्वादिष्ट नहीं, बल्कि सेहतमंद भी होती है:
तत्व लाभ
दूध कैल्शियम, प्रोटीन, हड्डियों के लिए अच्छा
चावल ऊर्जा देता है
मेवे ब्रेन और हार्ट के लिए फ़ायदेमंद
इलायची पाचन में सहायक
टिप: शुगर फ्री वर्जन बनाने के लिए आप गुड़ या शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कुछ खास टिप्स
• दूध जलने से बचाने के लिए भारी तले वाले बर्तन का इस्तेमाल करें।
• मलाईदार खीर के लिए दूध को धीमी आंच पर लंबे समय तक पकाएं।
• अगर आपको जल्दी है, तो प्रेशर कुकर में भी खीर बनाई जा सकती है, लेकिन पारंपरिक स्वाद थोड़ा अलग हो सकता है।
• स्वाद बढ़ाने के लिए गुलाब जल या केवड़ा जल की कुछ बूंदें डाल सकते हैं।
खीर के वैरिएशन (Types of Kheer)
वैरिएशनविशेषता
सेवइयों की खीर चावल की जगह सेवई (वर्मिसेली) डाली जाती है|
मखाने की खीर मखाने भूनकर दूध में पकाए जाते हैं|
साबूदाने की खीर व्रत के लिए उपयोगी, साबूदाना डालकर बनाई जाती है|
गाजर की खीर गाजर कद्दूकस करके दूध में पकाई जाती है|
फ्रूट खीर खीर ठंडी करके कटे हुए फलों के साथ परोसी जाती है (गर्म दूध में फल न डालें) |
ध्यान रखें:
• खीर में चीनी डालने के बाद दूध फट सकता है,:- इसलिए पहले चावल को पूरी तरह से पकाएं फिर चीनी डालें।
• बहुत अधिक चीनी :- खीर को भारी बना सकती है, इसलिए स्वादानुसार ही डालें।
• अगर आप शुगर फ्री खीर चाहते हैं, तो शुगर फ्री स्वीटनर का उपयोग करें।
खीर से जुड़ी कुछ सांस्कृतिक बातें
• पूजा-पाठ में खीर ;- को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है, खासकर जन्माष्टमी और नवरात्रि में।
• बंगाल में पायेश :- नाम से जानी जाती है और जन्मदिन पर इसे बनाना शुभ माना जाता है।
• दक्षिण भारत में पायसम :- जिसमें नारियल दूध का भी इस्तेमाल होता है।
अगर आप चाहें, तो मैं खीर बनाने की
[ ] बर्तन का चुनाव:– खीर हमेशा एक भारी तले वाले बर्तन में ही बनाएं। इससे खीर नीचे नहीं चिपकेगी और जलेगी नहीं।
* दूध:- हमेशा फुल क्रीम दूध का ही प्रयोग करें। इससे खीर गाढ़ी और स्वादिष्ट बनती है।
* धीमी आंच:- जल्दबाजी न करें। खीर का असली स्वाद धीमी आंच पर ही आता है। इसे “सिम पर” पकाने से दूध का स्वाद गाढ़ा होता है और चावल में अच्छी तरह से समा जाता है।
* लगातार चलाना:- खीर को समय-समय पर चलाते रहें, खासकर शुरू में, ताकि चावल नीचे न चिपके।
यह खीर बनाने की एक सदियों पुरानी और आज़माई हुई विधि है। इस प्रक्रिया को अपनाकर आप वास्तव में एक स्वादिष्ट और पारंपरिक खीर बना सकते हैं, जो न केवल आपके स्वाद को संतुष्ट करेगी, बल्कि आपको अपनी जड़ों से भी जोड़ेगी।
[ ] खीर के क्षेत्रीय रूप
भारत भर में खीर के कई प्रकार बनते हैं:
नामस्थान विशेषता पायसम दक्षिण भारत नारियल दूध और गुड़ का उपयोग चावल की खीर उत्तर भारत दूध, चावल और इलायची साबूदाने की खीर महाराष्ट्र उपवास के लिए आदर्श मखाने की खीर बिहार मखाने और ड्राई फ्रूट्स से बनती है सेवई खीरपूरे भारत में सेवई (वर्मिसेली) से बनती है गुड़ वाली खीर बंगाल, झारखंड चीनी की जगह गुड़ से बनती है
खीर का विज्ञान
• दूध में पाए जाने वाला लैक्टोज पकने के दौरान धीरे-धीरे कैरेमलाइज़ होता है, जिससे स्वाद बढ़ता है।
• चावल में मौजूद स्टार्च जब दूध में पकता है तो खीर को गाढ़ा बनाता है।
• ज्यादा देर तक पकाने से दूध में क्रीम बनती है जो खीर को मलाईदार बनाती है।
खीर बनाने के सुझाव (Pro Tips)
• बर्तन का चुनाव करें: हमेशा मोटे तले की कड़ाही लें ताकि दूध जले नहीं।
• धीमी आंच रखें: खीर को धीमी आंच पर पकाना जरूरी है ताकि उसका स्वाद गहराई से विकसित हो सके।
• दूध चलाते रहें: 2-3 मिनट में एक बार चमच चलाते रहें, खासकर किनारों पर।
• चीनी अंत में डालें: इससे दूध का गाढ़ापन बना रहता है।
• केसर को दूध में भीगोकर डालें: इससे रंग और खुशबू दोनों बढ़ जाते हैं।
• फ्रिज में रखते समय ढकें: ढककर रखें ताकि ऊपर क्रीम न जमे।
सांस्कृतिक महत्त्व
• धार्मिक दृष्टिकोण से, खीर को प्रसाद का दर्जा प्राप्त है।
• त्योहारों जैसे जन्माष्टमी, नवमी, रामनवमी, राखी आदि पर खीर बनती है।
• शुभ कामों – जैसे घर में कोई पहली बार आए, बच्चा जन्म ले, कोई परीक्षा पास करे – तो खीर से मुंह मीठा किया जाता है।
हेल्दी खीर के विकल्प
अगर आप हेल्दी डायट फॉलो कर रहे हैं तो आप खीर को ऐसे बना सकते हैं:
• दूध का विकल्प: बादाम मिल्क, ओट्स मिल्क या सोया मिल्क।
• चीनी की जगह: खजूर का पेस्ट, शहद (ठंडी खीर में), स्टीविया या गुड़।
• चावल की जगह: ओट्स, ब्राउन राइस या क्विनोआ।
एक सरल सी रेसिपी (सारांश रूप में)
सामग्री:
• दूध – 1 लीटर
• चावल – 1/4 कप
• चीनी – 1/2 कप
• सूखे मेवे – 1/4 कप
• इलायची – 1/2 चम्मच
• केसर – वैकल्पिक
• घी – 1 चम्मच
विधि:
• चावल को भिगोकर रखें।
• दूध को उबालें और धीमी आंच पर पकाएं।
• चावल डालें और पकने दें।
• चीनी, इलायची, केसर मिलाएं।
• भुने मेवे मिलाकर गाढ़ा होने तक पकाएं।
• गरम या ठंडा परोसें।
[ ] खीर के प्रकार
भारत में खीर के कई प्रकार प्रचलित हैं। कुछ प्रमुख किस्में निम्नलिखित हैं:
1. चावल की खीर – सबसे पारंपरिक और सामान्य रूप। इसमें बासमती चावल का प्रयोग होता है।
2. सेवई खीर (सेवइयाँ) – इसमें चावल की बजाय रोस्टेड सेवइयों का उपयोग होता है। इसे बनाना तेज़ और सरल होता है।
3. साबूदाना खीर – उपवास या व्रत के दौरान बनाई जाती है। साबूदाना और दूध से बनी यह खीर बहुत ही हल्की और स्वादिष्ट होती है।
4. लौकी की खीर – लौकी को घिसकर दूध में पकाकर बनाई जाती है। स्वास्थ्यवर्धक होती है और मधुमेह रोगियों के लिए अच्छी होती है।
5. गाजर की खीर – गाजर को कद्दूकस करके दूध में पकाया जाता है। सर्दियों में विशेष रूप से बनाई जाती है।
6. मखाने की खीर – मखानों को घी में भूनकर दूध में पकाया जाता है। यह खीर विशेषत: उत्तर भारत में बनाई जाती है।
7. नारियल की खीर (पायसम) – दक्षिण भारत में नारियल के दूध और गुड़ से बनाई जाने वाली यह खीर खासतौर पर त्योहारों में बनाई जाती है।
आप इस मूल विधि में कुछ बदलाव करके खीर को एक नया रूप दे सकते हैं:-
* सब्जियों की खीर:- आप चावल की जगह गाजर या लौकी का उपयोग कर सकते हैं।
यह खीर बनाने की एक सरल और पूरी विधि है।
[ ] खीर का सांस्कृतिक महत्व
खीर केवल एक मिठाई नहीं है, यह भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। निम्नलिखित अवसरों पर खीर का विशेष महत्त्व होता है:
1. धार्मिक अनुष्ठान – पूजा-पाठ, व्रत, और धार्मिक कार्यों में खीर का भोग चढ़ाया जाता है।
2. त्योहारों पर – जन्माष्टमी, होली, रक्षाबंधन, दीवाली, ईद आदि पर खीर का विशेष स्थान होता है।
3. शादी-ब्याह – विवाह जैसे शुभ अवसरों पर खीर को भोजन का हिस्सा बनाया जाता है।
4. जन्मोत्सव और अन्नप्राशन – बच्चों के पहले अन्नप्राशन संस्कार में खीर का प्रमुख स्थान होता है।
[ ] पोषण और स्वास्थ्य लाभ
खीर स्वाद के साथ-साथ पोषण से भरपूर होती है। इसमें दूध, चावल, मेवे और कभी-कभी केसर जैसे पोषक तत्व होते हैं।
पोषक तत्व लाभ
दूध कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन D
चावल ऊर्जा, कार्बोहाइड्रेट
काजू-बादाम हेल्दी फैट्स, आयरन, प्रोटीन
इलायची और केसर पाचन में मदद, सुगंध
निष्कर्ष
खीर एक साधारण लेकिन खास मिठाई है
बनाने में आसान, खाने में मज़ेदार और हर मौके पर फिट!
खीर सिर्फ एक मिठाई नहीं, एक भावना है। यह भारतीय परंपरा, स्वाद और सरलता
अगर आप पहली बार खीर खा रहे हैं तो आपको लगेगा:
यह हल्की, मीठी और बहुत स्वादिष्ट है।
हर उम्र के लोग इसे पसंद करते हैं — बच्चे, बड़े और बुज़ुर्ग सब।
खीर एक ऐसी मिठाई है जो दिल से बनाई जाती है और दिल तक पहुँचती है।
भारत के हर कोने में खीर का स्वाद अलग हो सकता है, लेकिन इसका प्यार हर जगह एक जैसा होता है। अगली बार जब आपका कुछ मीठा खाने का मन हो, तो खीर जरूर बनाएं — क्योंकि हर चम्मच में छुपा होता है एक मीठा सा जादू! 

[ ] क्यों खीर सबको पसंद आती है?
बनाना आसान है
स्वाद में शानदार है
दिखने में मलाईदार और सुंदर है
और सबसे जरूरी – इसमें होता है घर का प्यार
-
हलवा कैसे बनाएं सबसे आसान तरीका 👇 CLICK
-
रोटी गोल बनाने का आसान विधि CLICK
-
घर पर बनाए एकदम रेस्टोरेंट जैसा मटर पनीर CLICK
-
शाही मटर पनीर की रेसिपी क्या है? CLICK
-
काजू कतली और बर्फी की रेसिपी मजेदार CLICK