छठ पूजा स्पेशल ठेकुआ रेसिपी घर पर बनाए परफेक्ट

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छठ पूजा बिहार और झारखंड में बड़ी धूमधाम से छठ पूजा मनाए जाते हैं अब तो भारत में हर जगह छठ पुजा एक विशेष महत्व लोग देने लगे हैं | इस त्योहार पर खास तौर पर ठेकुआ बनाए जाते हैं जिनमें से ठेकुआ विशेष महत्व दिया जाता हैं । ठेकुआ के बिना छठ पूजा नहीं होती हैं । छठ पूजा का ठेकुआ बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ पूजा के समय बनने वाली एक खास और पारंपरिक मिठाई है। इसे प्रसाद के रूप में बनाया जाता है। छठ पूजा का “ठेकुआ” एक प्रसिद्ध ओर पवित्र प्रसाद हे जो गेहूं के आटे, गुड या चीनी, घी,सोंफ ओर नारियल से बनता है, और यह छठ पूजा के दोरान सुर्य देव और छठी मेया को चढाया जाता है और बाद में भक्तों में बांटा जाता हैं। यह एक खस्ता “देसी कुकी” की तरह होता है तो चलिए आपको बताते हैं कि छठ पूजा का ठेकुआ कैसे बनाते हैं और खाने में बहुत ही मस्त होता है तो चलिए झारखंड और बिहार छठ पूजा जैसा ठेकुआ बनाते हैं घर पर ही और कैसे बनाते हैं चलिए आपको बताते हैं जितना स्वादिष्ट खाने में लगता है उतना ही जल्दी यह बन जाता है झटपट से ही । जिसे एयरटाइट जार में 3-4 सप्ताह तक स्टोर करके रखा जा सकता हैं। यह स्वादिष्ट और लंबे समय तक चलने वाला होता है। ठेकुआ बिहार और झारखंड के फेमस पकवान है यदि आप भी इसे अपने घर पर बनाना चाहते हैं तो आज मैं आप लोंगों को बताउंगी छठ पूजा स्पेशल ठेकुआ रेसिपी घर पर बनाए परफेक्ट 

 

छठ पूजा स्पेशल ठेकुआ रेसिपी घर पर बनाए परफेक्ट

नीचे ठेकुआ बनाने की विधि दी गई है:

 ठेकुआ बनाने की सामग्री:

गेहूं का आटा थोड़ा दर्द भरा पिसा हुआ आटा  2 कप

गुड़ (कसा हुआ या पिघला)1 कप

नारियल (कद्दूकस किया हुआ )

2-3 चम्मच सौंफ

1 छोटी चम्मच इलायची पाउडर

1/2 छोटी चम्मच घी (मोयन के लिए)

2-3 चम्मच पानी (गुड़ घोलने के लिए) ज़रूरत अनुसार

तेल / घी (तलने के लिए)पर्याप्त मात्रा में

सूर्य भगवान को प्रसाद के रूप में अलग-अलग चीजों से भोग लगाया जाता है | जैसे – चावल का खीर जो गुड़ में बनाई जाती है, ठेकुआ लड्डू, फल आदि है | इसके अलावा  छठ पर्व के लिए सबसे खास पकवान ठेकुआ होता है जिसकी रेसिपी आज मैं आप लोगों के साथ शेयर करने वाली हूँ |
तो आइए जानते हैं ठेकुआ बनाने का सबसे आसान और सही तरीका |

पारंपरिक ठेकुआ आधुनिक ठेकुआ

मिट्टी के चूल्हे पर बनता था गैस/ओवन पर बनाया जाता है

लकड़ी के सांचे से आकार प्लास्टिक या स्टील के सांचे

गुड़ का इस्तेमाल अधिक आजकल चीनी या ब्राउन शुगर

धार्मिक कारण से बनाया जाता था अब स्वाद और उपहार के रूप में भी

बिना मिलावट, शुद्धता पर जोर अब कभी-कभी प्रिज़र्वेटिव्स डाले जाते हैं

🥣 बनाने की विधि:

• गुड़ का घोल तैयार करें:

एक बर्तन में थोड़ा गर्म पानी लें और उसमें गुड़ या चीनी डालकर घोल लें धीमी आँच पर गुड़ को पिघलने दें। इसे चलाते रहें ताकि वह नीचे न लगे। जब गुड़ पूरी तरह से घुल जाए, तो गैस बंद कर दें। अब इस चाशनी को छान लें ताकि कोई भी गंदगी बाहर निकल जाए। इसे ठंडा होने दें।

नोट: गुड़ की जगह चीनी का भी उपयोग किया जा सकता है, लेकिन छठ पूजा या पारंपरिक अवसरों के लिए गुड़ वाला ठेकुआ अधिक शुभ और स्वादिष्ट माना जाता है।

आटा गूंथना:

एक बड़ी परात या बर्तन में गेहूं का आटा छान लें। गेहूं के आटे में सौंफ, इलायची पाउडर, नारियल, खजूर, किशमिश, बादाम, छुआरे, कद्दूकस किया नारियल और मोयन के लिए 2-3 चम्मच घी डालें। दोनों हाथों से अच्छी तरीके से मिला लेंगे | ताकि घी आटे में अच्छे से मिल जाए। अब ठंडी हो चुकी गुड़ की चाशनी को थोड़ा-थोड़ा करके डालते जाएँ और आटे को गूंथते जाएँ। ध्यान रहे आटा न तो बहुत सख्त हो और न ही बहुत नरम। पूरी के आटे जैसा होना चाहिए। अब इसे ढककर 15-20 मिनट के लिए रख दें।

ठेकुआ बनाना:

अब आटे की छोटी-छोटी लोइयां बनाएं। हर लोई को हाथ से थोड़ा चपटा करें। चाहें तो ठेकुआ का लकड़ी का साँचा (मोल्ड) इस्तेमाल करें डिज़ाइन के लिए।अगर साँचा न हो तो कांटे वाले चम्मच, छन्नी, या चाकू से डिजाइन बनाई जा सकती है। आप चाहें तो साधारण गोल या अंडाकार रूप भी दे सकते हैं।

• तलना:

कढ़ाही में तेल या घी गर्म करें (मीडियम आंच पर)। जब तेल मध्यम गरम हो जाए (बहुत तेज़ नहीं), तब एक-एक करके ठेकुए डालें। आँच को मध्यम रखें और धीमी आँच पर सुनहरा भूरा होने तक तलें। इसे उलट-पलट कर दोनों तरफ से बराबर तलें। एक बार जब ठेकुआ सुनहरा हो जाए, तब इसे बाहर निकाल कर छलनी पर रख दें ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए।

 

नोट: धीमी आँच पर तलने से ठेकुआ अंदर तक अच्छे से पकता है और लंबे समय तक कुरकुरा रहता है।

ठंडा करें:

तले हुए ठेकुआ को बाहर निकालकर ठंडा करें। ये कई दिनों तक खराब नहीं होते। ठेकुआ को ठंडा होने के बाद एयरटाइट कंटेनर में भर लें। यह 20-50 दिनों तक खराब नहीं होता। यह एक बढ़िया स्नैक है जिसे चाय या दूध के साथ परोसा जा सकता है।

✅ टिप्स:

• ठेकुआ कुरकुरा (क्रिस्पी) चाहिए तो आटा थोड़ा सख्त गूंथें।
• अधिक मीठा पसंद है तो गुड़ की मात्रा बढ़ा सकते हैं।
• चाहें तो थोड़ा सूखा मेवा भी डाल सकते हैं।
• अगर ठेकुआ फूल रहा है (फट रहा है) – तो आटा या तो बहुत नरम है या उसमें गुड़/पानी ज्यादा

परिचय और महत्व

छठ पूजा पूर्वी भारत (विशेषकर बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश) एवं नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाई जाती है। यह त्योहार सूर्य देव और छठी मैया (चौथा दिव्य रूप) को समर्पित है। छठपूजा के प्रसाद में ठेकुआ एक अनिवार्य और मुख्य व्यंजन होता है — ठेकुआ के बिना छठ पुजा अधूरा माना जाता है। ठेकुआ को “Thokwa”, “Khajuria”, “Tikari” आदि नामों से भी जाना जाता है। इसकी खासियत यह है कि यह लंबे समय तक जगह पर बिगड़े बिना प्रसिद्ध रहता है — इसलिए इसे पहले तैयार कर रखा जाता है। छठ पूजा में ठेकुआ बनाते समय कुछ रीति-रिवाज भी होते हैं — जैसे कि प्रसाद बनाया जाए “पवित्र स्थान” में, सादा और बिना अशुद्धि के, पूजा की भावना के साथ। अब हम देखते हैं कि कैसे यह ठेकुआ (Thekua) बड़े ही पारंपरिक और शुद्ध तरीके से बनाया जाता है।

सामग्री (Ingredients)

ठेकुआ बनाने के लिए निम्नलिखित सामग्रियों की आवश्यकता होगी

गेहूं का आटालगभग 2 कप ( या जैसा उपयुक्त हो )बहुत बारीक न हो, थोड़ी दरक होती आटा ठीक रहता है
गुड़ (कद्दूकस या पिसा हुआ)लगभग ½ से 1 कप (मध्यम मीठास के लिए) प्रयोग में अधिक होता है। पानीगुड़ घोलने और आटा गूंधने के लिए गुड़ को पानी में पिघलाया जाता है फिर घोल को छाना जाता है घी (मोयन के लिए) 2–3 बड़े चम्मच आटे में घी मिलाने से ठेकुआ कुरकुरा बनता है नारियल (कद्दूकस किया हुआ) 1–2 चम्मच स्वाद और सुगंध बढ़ाने के लिए सौंफ1 छोटी चम्मचठेकुआ में सुगंध और स्वाद जोड़ने के लिए इलायची पाउडर½ छोटी चम्मचखुशबू के लिए (कुछ लोग इसे छोड़ भी देते हैं) तेल या घीतलने के लिए पर्याप्त मात्रामध्यम आंच पर तलने के लिए

टिप्स:

• गुड़ की जगह लोग कभी-कभी चीनी या मिश्रित गुड़-चीनी भी उपयोग करते हैं।
• परंपरागत रूप से, ठेकुआ को मिट्टी के चूल्हे पर और आकाशीय माहौल (लौ के माध्यम से) तला जाता है, जिससे इसका स्वाद विशेष बनता है।

बनाने की विधि (Step-by-step Method / विधि विस्तार से)

नीचे एक व्यवस्थित क्रम है जिससे आप छठ पूजा का ठेकुआ बना सकते हैं:

1. गुड़ घोल तैयार करना

• सबसे पहले, एक छोटे बर्तन में थोड़ा पानी (लगभग ⅓ कप या आवश्यकतानुसार) गरम करें।
• उसमें कद्दूकस किया हुआ गुड़ डालकर हल्की आंच पर घोल लें। ध्यान रखें कि इसे ज़्यादा उबालना नहीं है — बस गुड़ पानी में घुल जाना चाहिए।
• जैसे ही गुड़ पूरी तरह घुल जाए, इसे छान लें ताकि किसी भी गुड़ के अवशेष (घोल में गंदगी, नकली टुकड़े) निकल जाएँ।
• इस घोल को थोड़ा ठंडा होने दें।

2. आटा तैयार करना (Mixing the Flour Mixture)

• एक बड़े बर्तन में गेहूं का आटा लें।
• इसमें पहले ही मोयन (घी) डालकर अच्छी तरह मिलाएं, ताकि आटा थोड़ा नम और ‘crumbly’ (थोड़ा टूटता हुआ) महसूस हो।
• अब आटे में सौंफ, इलायची पाउडर, (अगर उपयोग कर रहे हैं) नारियल आदि मिलाएं।
• धीरे-धीरे गुड़ का घोल आटे में डालते जाएँ और हाथों से मिलाते हुए एक सख्त आटा गूंधें। ध्यान रखें कि आटा बहुत नरम न हो — यानी थोड़ा सख्ती बनी हो।
• जब पूरा आटा मिल जाए, इसे 5–10 मिनट के लिए ढक कर रख दें। ये समय गुड़ और आटा को अच्छे से एक-दूसरे में मिलने में मदद करता है।

3. ठेकुआ आकार देना

• अब आटे से छोटी-छोटी लोइयां (balls) बना लें।
• हर लोई को हाथ या हथेली की मदद से हल्की दबाकर चपटा कर दें।
• आप ठेकुआ के पारंपरिक डिजाइन या सांचे (मोल्ड) का उपयोग कर सकते हैं — यदि आपके पास ठेकुआ सांचा है तो इससे सुंदर आकृति मिल सकती है।
• यदि सांचा न हो, तो आप हाथ से डिजाइन बना सकते हैं — बीच में लौंग (clove) लगाना भी परंपरा है।

4. गरम तेल / घी में तलना

• एक कढ़ाई लें और उसमें तेल या स्वतंत्र रूप से शुद्ध घी गरम करें (मध्यम आंच)।
• तेल गरम होने पर (लेकिन धुँआ न आने लगे), ठेकुआ एक-एक करके डालें।
• धीमी या मध्यम आंच पर तलें ताकि अंदर से अच्छी तरह पक जाएं और बाहर सुनहरा रंग आए।
• बीच-बीच में ठेकुआ को पलटते रहें ताकि दोनों ओर समान सुनहरा भूरा रंग आए।
• जब ठेकुआ दोनों ओर से सुनहरे हो जाए, तो इसे बाहर निकालकर किचन पेपर (टिशू पेपर) या साफ कपड़े पर रखें, जिससे अतिरिक्त तेल निकल जाए।

5. ठंडा करना और संग्रह

• तले हुए ठेकुआ को पूरी तरह ठंडा होने दें।
• जब यह ठंडा हो जाए, तो इन्हें एयर-टाइट (हवा न जाने वाला) डिब्बे या कंटेनर में रखें।
• इस प्रकार ठेकुआ कई दिनों तक खराब नहीं होता है और प्रसाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

विस्तृत सुझाव, सावधानियाँ और विशेष बातें

छठ पूजा के समय ठेकुआ बनाते समय कुछ विशेष बातें ध्यान में रखनी चाहिए ताकि आपका ठेकुआ पवित्र, स्वादिष्ट और सफल बने:
• शुद्धता और पवित्रता: ठेकुआ बनाते समय स्थान शुद्ध होना चाहिए। पूजा की भावना से, आमतौर पर इसे पूजा स्थल, आँगन या घर के शांत हिस्से में बनाया जाता है।
• आंच नियंत्रित रखें: अगर आंच बहुत तेज होगी, तो ठेकुआ बाहर जल जाएगा और अंदर कच्चा रहेगा। इसलिए मध्यम आंच पर तलना उत्तम है।
• आटा न ज़्यादा नरम हो, न बहुत सख्त: यदि आटा बहुत नरम होगा, ठेकुआ फैल जाएगा और आकृति बिगड़ जाएगी। यदि बहुत सख्त होगा, अंदर पकने में कठिनाई होगी। संतुलन बनाए रखें।
• गुड़ घोल को छानना: गुड़ घोल में अवशेष या गंदगी हो सकती है — इसे छान लेना चाहिए ताकि आटा में अशुद्धि न जाए।
• डिजाइन और सांचे: यदि आपके पास पारंपरिक ठेकुआ मोल्ड (scented wooden mould) है तो आप उसका उपयोग कर सकते हैं, जिससे ठेकुआ सुंदर और पारंपरिक रूप ले लेता है।
• तेल की शुद्धता: यदि तला गया तेल अशुद्ध या अधिक गर्म हो, तो ठेकुआ में खराब स्वाद आएगा। साफ और अच्छे तेल का उपयोग करें।
• रख-रखाव: ठंडा होने के बाद इसे हवा बंद डिब्बे में रखें। इससे यह कई दिनों तक सुरक्षित रहता है।
ठेकुआ में नमी नहीं होती, इसलिए यह जल्दी खराब नहीं होता।
• स्वाद अनुसार बदलाव: अगर आप थोड़ी चुटकी नमक या नारियल अधिक पसंद करते हैं, तो मात्रा में थोड़ा बदलाव कर सकते हैं।
कुछ लोग मेवे (कटे बादाम, काजू, किशमिश) भी डालते हैं — लेकिन पारंपरिक ठेकुआ में सरलता बनी रहती है।

छठ पूजा और ठेकुआ: एक पवित्र स्वाद यात्रा

छठ पूजा, वह अद्भुत पर्व है जिसमें श्रद्धालु सूर्य देव और छठी मैया की पूजा अर्पित करते हैं। इस चार दिवसीय अनुष्ठान में श्रद्धा, संयम, आत्म-त्याग और शुद्धता का महत्व है। परंतु इस दौरान पूजा को पूर्णता देने वाला प्रसाद “ठेकुआ” है — जिसे बिना चढ़ाए छठ अधूरा माना जाता है। इस लेख में, हम जानेंगे ठेकुआ का महत्व, उसकी विधि, और छठ पूजा में इसे कैसे उपयोग किया जाता है।

1. छठ पूजा: संक्षिप्त परिचय

छठ पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी (छठी) तिथि को मनाई जाती है। यह त्योहार सूर्य की उपासना हेतु होता है, जिसमें व्रत रखने वाले निर्जला (बिना जल) रहते हैं — इस दौरान विशेष अनुष्ठान होते हैं: नहाय-खाय (पहला दिन), खऱना, सप्तम दिन और अंतिम दिन अर्घ्य आदि। प्रसाद के रूप में कई व्यंजन बनाए जाते हैं जैसे रसबाली, कसर, चावल की डिश आदि, लेकिन ठेकुआ अपनी विशेषता एवं पवित्रता के कारण सबसे प्रमुख होता है।

2. ठेकुआ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

ठेकुआ न केवल स्वादिष्ट पकवान है, बल्कि यह श्रद्धा और भक्ति की भावनाओं का प्रतीक है। इसे हाथों से बनाकर सूर्य देव को अर्पित किया जाता है। इस व्यंजन को मिट्टी के चूल्हे पर तैयार करना, पारंपरिक रूप से लौ (मक्खी लकड़ी की) आग में तलना, आदि रीति-रिवाज इसे विशेष बनाते हैं।

3. सामग्रियाँ — विस्तार और उनके कारण

• गेहूं का आटा: यह ठेकुआ का मूल आधार है। उचित बनावट और दृढ़ता के लिए उपयोग किया जाता है।
• गुड़: पारंपरिक मिठास देने वाला स्रोत। गुड़ की सुगंध और ‘छोड़ी मीठास’ ठेकुआ को पारंपरिक स्वाद देती है।
• घी (मोयन): आटे में घी मिलाने से ठेकुआ कुरकुरा बनता है और यह तेल अवशोषण को कम करता है।
• नारियल, सौंफ, इलायची: ये मसाले और सुगंध जोड़ते हैं।
• तेल / घी (तलने के लिए): तली हुई सतह और कुरकुरापन देने के लिए।

इन सामग्रियों का सही अनुपात और गुणवत्ता ठेकुआ के स्वाद और बनावट को निर्धारित करती है।

5. सावधानियाँ और सुझाव

• उचित आंच: तेज आंच से अंतः भाग अधपका रह सकता है।
• आटे की स्थिरता: बहुत नरम या बहुत सख्त आटा दोनों ही समस्याएँ उत्पन्न कर सकते हैं।
• गुड़ घोल को छानना: अवशेष न हो, यह महत्वपूर्ण है।
• पवित्रता: पूजा भावना के अनुसार, सामग्री और स्थान दोनों स्वच्छ एवं पवित्र रखे जाएँ।
• डिजाइन: पारंपरिक डिजाइन या सांचा उपयोग करने से ठेकुआ आकर्षक बनता है।
• संग्रह: सेनेटरी कंटेनर में संग्रह करें, नमी न लगे।

6. ठेकुआ क्यों महत्वपूर्ण है प्रसाद के रूप में?

• इसकी स्थिरता: ठेकुआ लंबे समय तक खराब नहीं होता है।
• पवित्रता: इसमें दूध, पनीर या अन्य नाश्तिक तत्व नहीं होते।
• सरल सामग्री और विधि: हर घर में संभव।
• प्रतीकात्मकता: बनावट, तैयारी और प्रस्तुति में भक्ति झलकती है।
 ठेकुआ “घर की ममता और रसोइयों की मेहनत का प्रतीक” है।

ठेकुआ के प्रकार (Variations of Thekua)

प्रकार सामग्री में परिवर्तन

गुड़ वाला ठेकुआ पारंपरिक रूप, गुड़ से बनता है
चीनी वाला ठेकुआ गुड़ की जगह चीनी का उपयोग
नारियल ठेकुआ नारियल की मात्रा अधिक होती है
खोया ठेकुआ खोया मिलाकर बनाया जाता है
मैदा ठेकुआ गेहूं के आटे की जगह मैदे का उपयोग
बेक्ड ठेकुआ घी में तलने की जगह ओवन में बेक किया जाता है

❓FAQs – आपके सवाल, हमारे जवाब

Q1: ठेकुआ कितने समय तक चल सकता है?
ठंडा होने के बाद इसे एयरटाइट डिब्बे में रखें, तो यह 10-15 दिन तक खराब नहीं होता।
Q2: क्या इसे बिना तलें बना सकते हैं?
 हाँ, आप बेक कर सकते हैं
Q3: ठेकुआ को कितने समय तक स्टोर किया जा सकता है?
उत्तर: यदि सही तरीके से ठंडा कर के एयरटाइट डिब्बे में रखा जाए, तो यह 10–15 दिन तक आराम से चलता है।
Q4: क्या गुड़ की जगह शक्कर इस्तेमाल कर सकते हैं?
उत्तर: हां, लेकिन पारंपरिक स्वाद के लिए गुड़ का ही उपयोग करें।
Q5: क्या इसे बेक कर सकते हैं?
उत्तर: हाँ, कुछ लोग इसे ओवन में भी बेक करते हैं – 180 डिग्री पर 12–15 मिनट तक। लेकिन पारंपरिक स्वाद तलने से ही आता है।

निष्कर्ष

छठ पूजा में ठेकुआ का योगदान सिर्फ एक मिठाई का नहीं है — वह श्रद्धा, संस्कृति और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है। जब आपने यह ठेकुआ भक्ति से बनाया, अर्पित किया, और प्रसाद के रूप में वितरित किया, तब पूजा पूरी हो जाती है।छठ पूजा केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और पारिवारिक एकता का प्रतीक है। ठेकुआ इस पर्व का आत्मा है – इसे बनाना भी पूजा का एक हिस्सा है। तो इस छठ, अपने घर पर प्यार और भक्ति से ठेकुआ जरूर बनाएं और इस अद्भुत परंपरा को आगे बढ़ाएं।

 बिहार और झारखंड का प्रसिद्ध ठेकुआ पुरानी रेसिपी है जो छठ पूजा में बनाया जाता है और आप इस नए तरीके से भी बना सकते हैं सूजी का ठेकुआ बना सकते हैं या फिर आप मैदा का भी ठेकुआ बना सकते हैं कुछ इसमें नया नहीं है से प्रोसेसिंग है मैदा सूजी और आटा तीनों को मिला करके ठेकुआ बना सकते हैं और इसे खा सकते हैं यह भी उतना ही टेस्टी लगेगा जितना टेस्टी आटे का ठेकुआ लगता है और आप इसे पूजा के लिए उसे नहीं कर सकते हैं सूजी का आप सिर्फ पूजा के लिए आटे का ही ठेकुआ बनाया जाता है तो आपको इस आर्टिकल के माध्यम से कुछ भी समझ में आया तो प्लीज लाइक करें और आपको कुछ भी डाउट है तो आप मुझे कमेंट कर सकते हैं धन्यवाद |

छठ पूजा स्पेशल ठेकुआ रेसिपी घर पर बनाए परफेक्ट

 

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